1972 में स्टॉकहोम में प्रयोग सम्मेलन में लिए वीडियो के फल स्वरुप भारत ने भी पर्यावरण को बचाने के लिए विभिन्न अधिनियम बनाएं, इसमें से एक वायु अधिनियम 1981 भी है। अधिनियम से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को विभिन्न शक्तियां प्रदान की गई और उसके कार्यों के पालन के लिए बाध्य किया गया।
इस अधिनियम के अनुसार केंद्रीय बोर्ड के मुख्य कार्य देश में वायु क्वालिटी में सुधार लाना, वायु प्रदूषण का निवारण और उन पर नियंत्रण करना है। इसके अलावा अन्य कार्यों के निष्पादन की जिम्मेदारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी गई। कुछ कार्य निम्नलिखित है-
- वायु क्वालिटी में सुधार लाने और उसके प्रदूषण के निवारण नियंत्रण या उपशमन से संबंध किसी विषय पर केंद्रीय सरकार को सलाह देना।
-राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की योजना बनाना।
- राज्य बोर्डों के क्रियाकलापों में समन्वय में स्थापित करना वह उनके विवादों को समझाना।
- राज्य बोर्डों को तकनीकी सहायता देना और मार्गदर्शन करना।
-वायु प्रदूषण तथा वायु प्रदूषण के निवारण नियंत्रण या समन की समस्या से संबंधित अन्वेषण और अनुसंधान क्रियान्वित और प्रायोजित करना।
-विभिन्न संस्थाएं मार्ग निर्देशिका को तैयार करना।
-वायु क्वालिटी के लिए मानक अधिकथित करना।
- वही प्रदूषण से संबंधित विषयों के बारे में जानकारी एकत्रित करना और उनका प्रसार कराने की शक्ति।
-वाहनों द्वारा उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण की मात्रा के मानकों का निर्धारण करना।
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